मिथ्यात्व
मरने से पहले, मिथ्यात्व अपनी पूरी पेंग में उठता है । अभी तक मनुष्य केवल विध्वंस के पाठ को ही समझता है। क्या मनुष्य के...
मरने से पहले, मिथ्यात्व अपनी पूरी पेंग में उठता है । अभी तक मनुष्य केवल विध्वंस के पाठ को ही समझता है। क्या मनुष्य के...
मैं आपसे फिर से पूछता हूँ माँ, वह कौन-सी चीज़ है जो मेरी सत्ता को विभक्त करती है ? संघर्ष है उसके बीच जो चेतना...
एक प्राचीन मनीषी ने कहा है : ” अशुभ नाम की कोई चीज़ नहीं है । बस, संतुलन की कमी है । ” “कोई चीज़...
जब तुम काम करो उस समय यदि तुम एकाग्र हो सको तो तुम ठीक दस मिनट में उतना काम कर सकोगे जितने में अन्यथा एक...
क्या स्वर्ग और नरक का अस्तित्व है? स्वर्ग और नरक एक ही साथ सत्य और मिथ्या दोनों हैं। उनका अस्तित्व है भी और नहीं भी।...
जो लोग अपनी आजीविका के लिए तुम पर निर्भर हैं उनके साथ तुम्हें बहुत शिष्ट होना चाहिये। अगर तुम उनके साथ बुरा व्यवहार करो तो...
तुम जो सुख पाते हो उसकी अपेक्षा तुम जो सुख देते हो वह तुम्हें ज़्यादा सुखी बनाता है । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग...
माताजी, क्या भगवान् अन्याय के दण्ड देते हैं ? क्या भगवान् के लिये किसी को दण्ड देना सम्भव है ? भगवान् चीजों को उस तरह...
मैं अनुभव करता हूं कि मैं निष्फल भाग्य के साथ जन्मा आपका शून्य बालक हूं; ऐसे बालक के लिए जीवन में सम्पादित करने के लिए...
हे सर्वसत्तासंपन्न सामर्थ्य, हे विजयी शक्ति, शुद्धि, सौन्दर्य, परम प्रेम, वर दे कि अपनी पूर्णता में यह सत्ता , अपनी समग्रता में यह शरीर गम्भीरता...