
युवकों को आह्वान
पहली शर्त है, अपने निजी हितों को लक्ष्य न बनाओ। पहले गुण जिनकी जरूरत है वे हैं : बहादुरी, साहस और अध्यवसाय। और फिर इस...
पहली शर्त है, अपने निजी हितों को लक्ष्य न बनाओ। पहले गुण जिनकी जरूरत है वे हैं : बहादुरी, साहस और अध्यवसाय। और फिर इस...
१. दूसरों पर नियन्त्रण रख सकने के लिए स्वयं अपने ऊपर पूर्ण नियन्त्रण पाना अनिवार्य शर्त है। २. कोई पसन्द न होना, एक को पसन्द...
धरती पर कठिन घड़ियाँ मनुष्यों को अपने तुच्छ निजी अहंकार को जीतने और सहायता तथा प्रकाश के लिए केवल भगवान की ओर मुड़ने को बाधित...
अगर मन, प्राण और शरीर का पुनर्जन्म नहीं होता, केवल चैत्य ही फिर से जन्म लेता है तो मन, प्राण की प्रगति का अगले जन्म...
मधुर मां, हम स्वप्न में अच्छे और बुरे में कैसे फर्क कर सकते हैं? सिद्धान्त रूप में, नींद के क्रिया-कलाप का मूल्यांकन करने के...
प्रभो, मैं तेरे सम्मुख हूं, दिव्य ऐक्य की धधकती अग्नि में प्रज्वलित हवि की तरह हूँ।… और इस तरह जो कुछ तेरे आगे है वह...
हमेशा भगवान् की उपस्थिति में ही निवास करो इस अनुभूति में रहो कि यह उपस्थिति ही तुम्हारी प्रत्येक क्रिया को गति देती है और जो...
स्वयं मुझे अनुभव है कि तुम शारीरिक रूप से, अपने हाथों से काम करते हुए भी पूरी तरह ध्यानस्थ और भगवान के साथ ऐक्य में...
मधुर मां, हम यह कैसे जान सकते हैं कि हम व्यक्तिगत और सामुदायिक रूप में प्रगति कर रहे हैं या नहीं? हम प्रगति कर रहे...
क्या पिछले कर्म साधना के मार्ग में नहीं आयेंगे ? तुम भूतकाल में जो कुछ भी रहे हो उसे भगवान के प्रति पूर्ण निवेदन पोंछ...