तेरे ज्ञान की अभीप्सा
हे प्रभु ! किस तीव्रता के साथ मेरी यह अभीप्सा तेरी ओर उठ रही है। तू अपने विधानका हमें पूरा ज्ञान दे, तेरी इच्छाका हमें...
हे प्रभु ! किस तीव्रता के साथ मेरी यह अभीप्सा तेरी ओर उठ रही है। तू अपने विधानका हमें पूरा ज्ञान दे, तेरी इच्छाका हमें...
श्रीअरविंद के योग के साधक को भूतकाल और वर्तमान में पूजे जाने वाले भगवान के विभिन्न रूपों के पुजारियों के प्रति कैसी वृत्ति रखनी चाहिये...
केवल ‘भागवत इच्छा’ पर निर्भर रहने का और उसे अपने द्वारा मुक्त रूप से काम करने देने का समय आ गया है। मैं दोहराती हूं,...
वह सब जो जनता को खुश करने के लिए और सफलता पाने के लिए किया जाता है ओछा होता है और मिथ्यात्व की ओर ले...
मधुर माँ, कृपया आप मुझे बतलायेंगी कि मैं अपने बारे में इतना अधिक क्यों सोचता हूँ? मेरे ख्याल से ऐसे भी लोग हैं जो अपने...
जगत एक बहुत बड़े परिवर्तन की तैयारी कर रहा है । सहायता करोगे ? नववर्ष के संदेश में आपने जिस महान परिवर्तन के बारे में...
तुम श्रीअरविन्द पर अपनी श्रद्धा अमुक शब्दों में अभिव्यक्त करते हो और तुम्हारे लिए ये ही इस श्रद्धा की सर्वोत्तम अभिव्यक्ति हैं। यह बिलकुल ठीक...
इस छोटे-से अभ्यास को करने का प्रयत्न करो। दिन के आरम्भ में कहो, “जो कुछ मुझे कहना होगा उस पर विचार किये बिना मैं कुछ...
सहते चलो और तुम्हारी विजय होगी। विजय सबसे अधिक सहनशील के हाथों में आती है। और भागवत कृपा और भागवत प्रेम के साथ कुछ भी...
वस्तुतः, तुम्हें केवल उन्हीं व्यक्तियों को अपने मित्र के रूपमें चुनना चाहिये जो तुमसे अधिक बुद्धिमान् हों, जिनकी संगति तुम्हें ऊंचा उठाये, अपने पर विजय...