श्री माँ के वचन

श्रीअरविंद की शिक्षा

तुम्हारी मुख्य भूल यह थी कि तुमने श्रीअरविन्द की शिक्षा को आध्यात्मिक शिक्षाओं में से एक मान लिया- और यहां…

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वही सोचो जो तुम बनना चाहते हो

हमारा भूतकाल चाहे जो भी रहा हो, हमने चाहे जो भी भूलें की हों, हम चाहे जितने अज्ञान में क्यों…

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विनम्र बनने का गलत तरीका

ऐसे लोग हैं, जो विनम्र दिखने के लिए कभी-कभी कह देते हैं : "मैं कुछ नहीं जानता," परंतु वे जो…

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सचेतन अभीप्सा की अवस्था

अगर तुम सचेतन अभीप्सा की अवस्था में हो, बहुत सच्चे हो तो बस, तुम्हारें इर्द-गिर्द सारी चीज़ें, प्रत्यक्ष या परोक्ष…

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निराशा से दूर रहो

जीवन की परिस्थितियां चाहे जैसी हों, तुम्हें सदैव निराशा से दूर रहने की सावधानी बरतनी चाहिये और फिर दुःखी, उदास…

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भारत का मानचित्र

("माताजी के भारत के मानचित्र" के बारे में जो आश्रम के क्रीड़ांगड़) यह सब तरह के अस्थायी रूपों के बावजूद…

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क्या बच्चो को सज़ा देनी चाहिये?

सज़ा ? सज़ा से तुम्हारा क्या मतलब है? यदि एक लड़का कक्षा में शोर मचाता है और दूसरों को काम…

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तेरा आश्वासन

जो होना चाहिये वह होगा, जो करना ज़रूरी है वह किया जायेगा...। हे प्रभो, तूने मेरी सत्ता में कैसा निश्चल…

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अतिमानस की स्थायी उपस्थिती

जब अतिमानस दैहिक मन में अभिव्यक्त होगा, केवल तभी उसकी उपस्थिती स्थायी हो सकती है । संदर्भ : माताजी के…

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तुम्हारा समय बीत गया

तुम इस समय यहाँ, यानी, धरती पर इसलिए हो क्योंकि एक समय तुमने यह चुनाव किया था - अब तुम्हें…

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