श्री माँ के वचन

श्रीअरविंद का कार्य

श्रीअरविंद जगत् को उस भविष्य के सौन्दर्य के बारे में बतलाने आए थे जिसे चरितार्थ करना ही होगा । वे…

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निराशावाद – शैतान का महान अस्त्र

निराशावाद शैतान का अस्त्र है और वह अपनी स्थिति को भांप लेता है ... (हिलाने का संकेत) । हां, तो…

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रूपान्तर

जो रूपान्तर के लिये तैयार हैं वे उसे किसी भी जगह कर सकते हैं। और जो तैयार नहीं है वे…

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अध्यवसाय

अध्यवसाय के द्वारा ही तुम कठिनाइयों को पार कर सकते हो, उनसे भाग कर नहीं । जो अध्यवसाय करता है…

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भारतमाता

भारत इस भूमि की मिट्टी, नदियां और पहाड़ नहीं है , न ही इस देश के वासियों का सामूहिक नाम…

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सोने के पहले एकाग्रता

जब तुम सोने के पहले एकाग्र होते हो तब तुम नींद में भागवत शक्ति के सम्पर्क में रहते हो। लेकिन…

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स्वाधीनता

स्वाधीनता बाहरी परिस्थितियों से नहीं , आंतरिक मुक्ति से आती है । अपनी अंतरात्मा को खोजो, उसके साथ एक हो…

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नम्रता की ज्वाला

कुछ लोगों को प्रार्थना पसन्द नहीं ; अगर वे अपने हृदय की गहराई में जायें तो देखेंगे कि यह घमण्ड…

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अकेलापन क्यों ?

तुम्हें अकेलापन इसलिये लगता है क्योंकि तुम्हें प्रेम की आवश्यकता मालूम होती है। बिना किसी मांग के प्रेम करना सीखो,…

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प्रेम और खुशी

तुम उस प्रेम से खुश नहीं होते जो कोई और तुम्हारे लिए अनुभव करता है। तुम्हें औरों के लिए जो…

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