मधुर माँ, समय-समय पर बुरे विचारों का उफान आ जाता है; मेरा मन आवेशों का दलदल बन जाता है जिसमें…
... बहुत कठोर युक्ति-तर्कवाले लोग तुमसे कहते हैं : “तुम प्रार्थना क्यों करते हो? तुम अभीप्सा क्यों करते हो? तुम…
परिस्थितियाँ अवसर भले हों पर निश्चित रूप से, कारण नहीं हो सकती । कारण 'भागवत' इच्छा में है और उसे कुछ…
चूंकि मेरी प्रकृति कमजोर है इसलिए साधारण चीजों को त्यागना कठिन हो जाता है। लेकिन, यह निश्चित है कि मैं…
हमारा लक्ष्य है अपनी सत्ता की पूर्णता को चरितार्थ करना और मानव पशु को भागवत मनुष्य में बदल देना ।…
शांत रहो और देखो। परिणाम निश्चित है - उपाय और समय निश्चित नहीं है । आशीर्वाद | संदर्भ : श्रीमातृवाणी…
तुम बहुत बुद्धिमान होते जा रहे हो और इस उपलब्धि के नजदीक आते जा रहे हो कि हम कुछ नहीं…
अपमान, तिरस्कार से ऊपर उठ जाने से आदमी सचमुच बड़ा हो जाता है । संदर्भ : माताजी के वचन(भाग-२)
यह निश्चित रूप से जानो कि मनुष्य जो कर सकता है उसमें आत्महत्या सबसे अधिक मूर्खतापूर्ण क्रिया है, क्योंकि शरीर…
मेरे बच्चे, निरोग होने के लिए केवल इन अनुचित अभ्यासों को पूरी तरह बन्द करना ही अनिवार्य नहीं हैं बल्कि…