भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो-यह तुम्हें रूपांतर के मार्ग पर दूर तक ले जायेगा। संदर्भ…
पूर्णयोग का अर्थ यह नहीं है कि व्यक्ति इस भौतिक जगत् को सदा के लिए इसके भाग्य पर छोड़ कर…
कुछ समय से मुझे आन्तरिक और बाह्य विक्षोभ के कारण नींद में कुछ परेशानी हो रही है। मैं आपसे सहायता…
हे दिव्य स्वामी, वर दे कि हमारे लिए यह दिन, तेरे विधान के प्रति अधिक पूर्ण उत्सर्ग की ओर उद्घाटन…
सभी अग्नि-परीक्षाओं के लिए कृतज्ञ होओ क्योंकि वे भगवान की ओर ले जाने वाले छोटे-से-छोटे रास्ते हैं। संदर्भ : माताजी…
१. पूरा-पूरा आत्म-संयम, केवल इतना ही नहीं कि अपना क्रोध न दिखलाओ, बल्कि सभी परिस्थितियों में पूरी तरह शान्त. स्थिर…
तुम्हारी आन्तरिक अवस्था रोग का कारण तब बनती है जब उसमें कोई प्रतिरोध या विद्रोह हो अथवा जब तुम्हारे अन्दर…
श्रीअरविंद कहते हैं कि तुम्हे सबसे पहले अपने विषय में सचेतन होना चाहिये, फिर सोचना, और फिर कार्य करना चाहिये।…
१९१९ में श्रीअरविंद ने लिखा था कि अस्तव्यसत्ता और विपत्तियाँ शायद एक नयी सृष्टि की प्रसव-वेदना हैं। यह स्थिति कब…