
दाँत ढीले कर दिये
मोनिका चंदा अपने दोनों नेत्रों की दृष्टि खो बैठी थी। फिर भी यह वृद्ध भक्त-साधक महिला अपने वैभवमय जीवन को विस्मृत करके अकेली ही एक...
मोनिका चंदा अपने दोनों नेत्रों की दृष्टि खो बैठी थी। फिर भी यह वृद्ध भक्त-साधक महिला अपने वैभवमय जीवन को विस्मृत करके अकेली ही एक...
लता जौहर का एक भाई नरेंद्र किसी काम से मद्रास गया था। वहाँ पहुँचकर अचानक ही वह बहुत बीमार हो गया। उनके पिता श्री सुरेन्द्रनाथ...
श्रीमाँ ने अपनी एक सहायिका से कहा था, “बहुत से लोग जब यहाँ आते है तब जो वस्तु उन्हें अशांत करती है, उन्हें उसी का...
एक अन्य अवसर पर जब मैगी श्रीमाँ का कमरा साफ कर रही थी, उसने एक खिड़की खोली जो दीर्घकाल से खोली नहीं गई थी। यध्यपि...
श्रीमाँ का कमरा सजावट की वस्तुओं से हमेशा भरा हुआ होता था जो उनको बच्चो ने बड़े प्रेम से भेंट की थी । मैगी माँ...
गौरी पिंटो एक बहुत कोमल बालिका थी, श्रीमाँ ने प्रेमपूर्वक उसे नित्य अपने पास आने की अनुमति दी थी । जिन साधकों को यह विशेष...
तरुणी गार्गी कालरा आश्रम अस्थायी रूप से आयी थीं। उनके पिता ने उनसे कहा था, “तुम आश्रम जाओ तथा वहाँ जो कुछ भी सीखने को...
लगभग ७०-८० वर्ष पूर्व की बात है श्रीमाँ के एक अनन्य भक्त मुरारी बाबू को अपना एक दांत निकलवाना पड़ा। उन दिनों दंत-चिकित्सा अत्यंत कष्टप्रद...
श्री पवित्र आश्रम के एक महान योगी और साधक थे। श्रीमाँ को अपने ये अनन्य भक्त और शिशु बहुत प्रिय थे। जीवन के अंतिम वर्षों...
श्रीमाँ एक तश्तरी में टॉफी लेकर आती थी तथा ऊपर के बरामदे में प्रतीक्षा करते हुए हर साधक को एक-एक टॉफी फेंकती थीं। साधक उन्हें...