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श्रीअरविंद के वचन

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शाश्वत भगवान की प्राप्ति
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शाश्वत भगवान की प्राप्ति

by श्रीअरविंद 3 दिन ago5 दिन ago
योग
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योग

by श्री माँ 4 दिन ago5 दिन ago
  • 310
    श्रीअरविंद का चित्र
    श्रीअरविंद के वचन

    एक प्रमुख विचार

    … हमें एक प्रमुख विचार पर, हमारी सत्ता के स्वामी, हमारे तथा जगत् में व्याप्त ईश्वर, सर्वोच्च आत्मन्, विश्वव्यापी आत्मा के प्रति आत्म-समर्पण पर, एकनिष्ठ...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद का चित्र
    श्रीअरविंद के वचन

    विश्व-नृत्य

    (कृष्ण का नृत्य, काली का नृत्य) विश्व-नृत्य की हैं यहां दो ताल। सदा हम सुनते हैं काली के पदों का सञ्चरण दुःख, पीड़ा तथा भाग्य...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद का चित्र
    श्रीअरविंद के वचन

    वैश्व प्राण की दिव्य परिणति

    शारीरिक भावना के साथ बंधे हुए मानसिक और प्राणिक अहं की रचना ही वैश्व प्राण का, अपने क्रमिक विकास में, सर्वप्रथम और महान् प्रयास था;...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद का चित्र
    श्रीअरविंद के वचन

    अनुशासन

    अधीनस्थ कर्मचारियों को अनुशासित करना उचित मनोभाव से किया जाना चाहिये और अधीनस्थ कर्मचारीगण भी वैसा ही महसूस करें, यह आवश्यक है-यह महसूस करें कि...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद का चित्र
    श्रीअरविंद के वचन

    दिव्य दृष्टि – (सॉनेट) – श्रीअरविंद की कविता

    तेरे आनन्द से अब हर दृष्टि है अमर : मेरी आत्मा सम्मोहित नयनों से करने आयी है दर्शनः फट गया एक आवरण और अब वे...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीअरविंद के वचन

    श्रीमां का स्पर्श

    जब तुम अपने-आपको देते हो तो पूरी तरह दो, बिना किसी मांग के, बिना किसी शर्त के और बिना किसी संकोच के दो, ताकि तुम्हारे...

    श्री माँ
    by श्री माँ 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद का चित्र
    श्रीअरविंद के वचन

    योग का कार्य

    सभी धर्म इस धारणा से आरम्भ होते हैं कि हमारे सीमित और मरणशील व्यक्तित्वों से महत्तर और उच्चतर कोई शक्ति या सत्ता है, उस शक्ति...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीअरविंद के वचन

    योग की शुरुआत कैसे ?

    जब मैं योग के विषय में कुछ भी नहीं जानता, यह भी नहीं जानता कि क्या करना चाहिये, तब मैं योग कैसे कर सकता हूं...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
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    महर्षि श्रीअरविंद अपने कक्ष में
    श्रीअरविंद के वचन

    अपने आप को खोलो

    सच्चाई के साथ अपने-आपको खोलो। इसका अर्थ यह है की बिना अपने अंदर कुछ भी छिपाये हुए, पूरी तरह खोलो; ऐसा न करो कि अपना...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद का चित्र
    श्रीअरविंद के वचन

    निम्न प्रकृति और उसकी बाधाएँ

    निम्न प्रकृति तथा इसकी बाधाओं पर अधिक सोच-विचार करना भूल है क्योंकि यह साधना का नकारात्मक पहलू है। उन पर नजर रखनी चाहिये और उनकी...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 6 वर्ष ago6 वर्ष ago

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    शाश्वत भगवान की प्राप्ति

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    भगवती माँ की कृपा

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    श्रीमाँ का कार्य

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    भगवान की आशा

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    जीवन का उद्देश्य

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    दुश्मन को खदेड़ना

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    आलोचना की आदत

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    कृतज्ञता

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    अनुशासन

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    भागवत मुस्कान का ध्यान

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