
श्री रामकृष्ण से प्राप्त तीन सन्देश
…. १८ अक्तूबर… श्री रामकृष्ण से तीसरा और अन्तिम सन्देश मिला। पहला सन्देश बड़ौदा में मिला था, “अरबिन्दो, मन्दिर करो, मन्दिर करो,” तथा अपने को...
…. १८ अक्तूबर… श्री रामकृष्ण से तीसरा और अन्तिम सन्देश मिला। पहला सन्देश बड़ौदा में मिला था, “अरबिन्दो, मन्दिर करो, मन्दिर करो,” तथा अपने को...
… श्रीकृष्ण के पास सीधा जाना सुरक्षित अथवा आसान नहीं है: यह कभी-कभी भीषण रूप से खतरनाक हो सकता है, यदि साधक में कुछ ऐसी...
आध्यात्मिक चेतना एक नवीन चेतना है जिसे विकसित होना है और जो विकसित होती आ रही है। …परन्तु ज्योति, शान्ति और आनन्द की इस महत्तर...
जब तुम प्रकाश को देखते हो तो इसे अंतर्दर्शन कहते है । जब तुम प्रकाश को अपने अन्दर प्रवेश करता हुआ अनुभव करते हो तो...
वासुदेवः सर्वम् इति का यही अर्थ है कि यह सारा जगत् भगवान् है, इस जगत् में जो कुछ है और इस जगत् से अधिक भी...
अपनी दुर्बलताओं तथा मिथ्या गतियों को पहचानना और उनसे पीछे हटना मुक्ति की ओर जाने का मार्ग है। किसी अन्य को नहीं, बल्कि अपने-आपको आंकना-जब...
बस, इसी श्रद्धा को तुम्हें अपने अन्दर विकसित करने की आवश्यकता है-युक्ति-तर्क और साधारण समझ के साथ मेल खाने वाली यह श्रद्धा उत्पन्न करने की...
भूल या सजा देने का कोई प्रश्न ही नहीं है-अगर हम लोगों को उनकी भूलों के लिए अपराधी ठहरायें या उन्हें सजा दें, और साधकों...
सूक्ष्म लयात्मक प्रवाह में होता है मेरे श्वास का संचलन; यह मेरे अंगों को दिव्य शक्ति से करता परिपूरन : मैंने पिया है अनन्त को...
न केवल सजीव प्राणियों में बल्कि निर्जीव वस्तुओं में भी हमें नारायण के दर्शन करने चाहिये, शिव का अनुभव करना चाहिये और शक्ति के आलिंगन...