
श्रीकृष्ण के प्रति उन्मुखता बाधा नहीं है
मैंने सोचा कि मैं पहले ही तुम्हें बता चुका था कि कृष्ण की ओर तुम्हारी उन्मुखता बाधा नहीं है। जो भी हो, मैं तुम्हारे प्रश्न...
मैंने सोचा कि मैं पहले ही तुम्हें बता चुका था कि कृष्ण की ओर तुम्हारी उन्मुखता बाधा नहीं है। जो भी हो, मैं तुम्हारे प्रश्न...
प्रायः ही श्रीअरविंद कहते हैं कि व्यक्ति को श्रीमाँ की शक्ति को शासन करने देना चाहिये । क्या इसका यह अर्थ है कि दोनों कि...
शाश्वतता के शुभ्र शिखर पर अनावृत अनन्तताओं का एकाकी पुरुष अनन्य, शांति के अग्नि-पट से रखता है अभिरक्षित अपने निरावरण आनन्द का एकान्त रहस्यमय। किन्तु,...
अतिमानसिक चेतनाके विषयमें बातें करना और उसे अपने अन्दर उतारने- की बात सोचना सबसे अधिक खतरनाक है । यह महान् कार्य करने की पूर्ण लालसा...
योग का उद्देश्य कोई महान् योगी या अतिमानव होना नहीं है। यह योगको अहंकारपूर्ण ढंगसे ग्रहण करना है और इससे कोई भलाई नहीं हो सकती...
योग का उद्देश्य शक्ति प्राप्त करना या दूसरों से अधिक शक्तिशाली बनना अथवा सिद्धियां प्राप्त करना अथवा महान् या आश्चर्यजनक या चमत्कारपूर्ण कार्य करना नहीं...
योग का लक्ष्य श्रीअरविन्द या श्रीमाताजीके ‘जैसा’ बनना नहीं है। जो लोग इस विचार का पोषण करते हैं बड़ी आसानी से आगे के इस विचार...
यह बहुधा घटित होता है कि दर्शन-दिवस के समीप आते ही विरोधी शक्तियां एकजुट हो जाती हैं और व्यक्तिगत रूप में या व्यापक तौर पर...
भगवान् के अवतार के आने का आन्तरिक फल उन लोगों को प्राप्त होता है जो भगवान् की इस क्रिया से दिव्य जन्म और दिव्य कर्मों...