... हमारे कहने का यह अभिप्राय है कि संग्राम और विनाश ही जीवन के अथ और इति नहीं हैं, कि…
उसे अपने भीतर जाना होगा और अंतर में भगवती माता की और हृदय के पीछे चैत्य पुरुष की उपस्थिति को…
ध्यान करने की चेष्टा करने पर व्यक्तिके सामने प्रारंभ में, सर्व प्रथम बाधा निद्रा- के रूपमें आती है। उस बाधा…
तू जो कि सर्वव्याप्त है समस्त निचले लोकों में , फिर भी है विराजमान बहुत ऊपर , उन सबका…
तुम्हारी निष्ठा और समर्पण सत्यमय और संपूर्ण होने चाहियें। जब तुम अपना अर्पण करते हो तो अपने को दे डालो…
किसी व्यक्ति को निरुत्साहित करना अनुचित है, परन्तु मिथ्या उत्साह देना अथवा किसी अनुचित वस्तुके लिये उत्साहित करना ठीक नहीं…
आत्म-विश्वास के बिना तुम कभी कुछ नहीं कर सकते ... क्योंकि साधना के प्रारम्भिक बेचैनी-भरे वर्षों में तुम्हारे पास और…
... हमारे कहने का यह अभिप्राय है कि संग्राम और विनाश ही जीवन के अथ और इति नहीं है, कि…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा कामना की अनुपस्थिति। इसके सिवाय…
सच पूछो तो तुम अपने मन से भगवान् और उनके कार्य को समझने की आशा नहीं कर सकते, बल्कि अपने…