श्रीअरविंद के वचन

आश्वासन

अधः लोक की अन्ध शक्तियाँ अब भी किन्तु प्रबल हैं। आरोहण की गति धीमी है, लम्बा बहुत समय है। तब…

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अधिक पाने के लिये अभीप्सा

मनुष्य को जो कुछ उसे मिलता है उससे संतुष्ट रहना चाहिये फिर भी शांत- रूप से, बिना संघर्ष के, और अधिक…

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ध्यान का अर्थ

ध्यान का भारतीय भाव व्यक्त करने के लिए अंग्रेजी में दो शब्दों का प्रयोग किया जाता है, "मेडिटेशन" तथा "कण्टेम्पलेशन"।…

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हमारी वास्तविक सत्ता तथा इसके यन्त्र

मनुष्य अपनी वास्तविक प्रकृति में... एक आत्मा है जो मन, प्राण तथा शरीर का उपयोग व्यक्तिगत तथा सामुदायिक अनुभव के…

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श्रद्धा आवश्यक है

... शुरू से अन्त तक तथा प्रत्येक पग पर श्रद्धा आवश्यक है क्योंकि यह अन्तरात्मा की एक ऐसी अनुमति है…

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भागवत शक्ति की शरण

कृपा तथा सुरक्षा हमेशा तुम्हारे साथ रहती हैं । किसी भी आन्तरिक या बाहरी कठिनाई या कष्ट को अपने ऊपर…

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खुद को जानना

... मनुष्य का कर्म एक ऐसी चीज़ है जो कठिनाइयों और परेशानियों से भरी हुई है, यह एक ऐसे बीहड़…

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रूपांतर

यदि अपनी भक्ति और समर्पण के पीछे तुम अपनी इच्छाओं को, अहंकार की अभिलाषाओं और प्राणों के हठों को छिपा…

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उत्साह

किसी व्यक्ति को निरुत्साहित करना अनुचित है, परंतु मिथ्या उत्साह देना अथवा किसी अनुचित वस्तु के लिए उत्साहित करना ठीक…

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आगे बढ़ने का रहस्य

इन छोटी-छोटी बातों से क्यों उत्तेजित हो जाते हो? या उनसे अपने को क्यों विचलित होने देते हो? यदि तुम…

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