श्रीअरविंद के वचन

दमन

आपने कहा है कि गलत गति का दमन करने से वह बस दब जाती है, यदि उसे पूरी तरह निकालना…

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धर्मक्षेत्र

सारा जीवन ही धर्मक्षेत्र है, संसार भी धर्म है। केवल आध्यात्मिक ज्ञानलोचना और शक्ति की भावना धर्म नहीं, कर्म भी…

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श्रद्धा और विश्वास

श्रद्धा-विश्वास अनुभव पर नहीं निर्भर करता; वह तो एक ऐसी चीज है जो अनुभव के पहले से विद्यमान रहती है।…

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आंतरिक संबंध

यदि किसी को निकट आंतरिक संबंध प्राप्त हो तो वह माताजी को सदैव अपने पास और अंदर तथा चारों ओर…

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सांसारिक जीवन का त्याग

सत्ता के पूर्ण आध्यात्मिक जीवन के लिये तैयार हों जाने से पहले सांसारिक जीवन का त्याग करना लाभदायी नही होता।…

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कुछ न चाहो

अपने समस्त ह्रदय और समस्त शक्ति के साथ स्वयं को भगवान के हाथों में सौंप दो। कोई शर्त न रखो,…

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शान्ति पर्याप्त नहीं

शान्ति आवश्यक आधार है पर शान्ति पर्याप्त नहीं है। यदि शान्ति प्रबल और स्थायी हो तो वह आंतर सत्ता को…

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अंतरात्मा का अनुसरण

यदि तुम्हारी अंतरात्मा सर्वदा रूपांतर के लिए अभीप्सा करती है तो बस उसी का अनुसरण तुम्हें करना होगा । भगवान…

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अचंचलता की अवस्था

अचंचलता उस अवस्था को कहते हैं जब मन या प्राण विक्षुब्ध, अशांत तथा विचारों और भावनाओं के द्वारा बहिर्गत या…

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अवसाद, अंधकार और निराशा

साधना-पथ पर अवसाद, अन्धकार और निराशा के दौरों की एक परम्परा-सी चली आती है। ऐसा लगता है कि ये पूर्वी…

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