परीक्षा लेना दक़ियानूसी तरीका है
मुझे लगता है कि परीक्षा यह जानने का दक़ियानूसी और व्यर्थ उपाय है कि विद्यार्थी समझदार, इच्छुक और एकाग्र हैं या नहीं। यदि स्मरण-शक्ति अच्छी...
मुझे लगता है कि परीक्षा यह जानने का दक़ियानूसी और व्यर्थ उपाय है कि विद्यार्थी समझदार, इच्छुक और एकाग्र हैं या नहीं। यदि स्मरण-शक्ति अच्छी...
मनुष्य बीते कल की सृष्टि है । श्रीअरविंद आगामी कल की सृष्टि – अतिमानसिक सत्ता के आने – की घोषणा करने आये थे । संदर्भ...
. . . फिर भी कितने धीरज की जरूरत है ! प्रगति की अवस्थाएँ कितनी अदृश्य-सी हैं ! … ओह ! मैं तुझे अपने हृदय...
यदि कोई चीज़ कठिन है तो इसका यह मतलब नहीं है कि तुम्हें उसे छोड़ देना चाहिये। इसके विपरीत, चीज़ जितनी कठिन हो उससे ज़्यादा...
देश को कठिनाई से उबारने के लिए क्या करना चाहिये? श्रीअरविंद ने सभी मुश्किलों को पहले से ही देख लिया था और उन्होंने समाधान दे...
रूपांतर के लिए भगवान को निरन्तर याद रखना अनिवार्य है। और जब परम प्रेम की अभिव्यक्ति का दिन आयेगा, परम प्रेम के पारदर्शक, सघन अवतरण...
मधुर माँ, अंतरात्मा की क्या भूमिका है ? अंतरात्मा के बिना तो हमारा अस्तित्व ही न होगा ! अंतरात्मा वह है जो कभी भी भगवान...
कोई क्या कर रहा है या नहीं कर रहा इसके बारे में गप्पबाज़ी करना ग़लत है। ऐसी गप्प को सुनना ग़लत है। यह देखना कि...
११ अप्रैल १९७३ . . . माँ, दर्शन के लिए आपको हमें एक संदेश देना है (२४ अप्रैल का दर्शन) । ( मौन के बाद...