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श्री माँ

Posted by श्री माँ

  • 210
    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    श्री माँ के वचन

    औरों की भूल

    औरों की भूल पर क्रुद्ध होने से पहले तुम्हें अपनी भूलों को याद कर लेना चाहिये। संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 430
    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    श्री माँ के वचन

    तुम्हारी दिलचस्पी

    वास्तविक तथ्य यह है कि विश्व में जिस चीज़ में तुम्हारी दिलचस्पी है – सीधे या घुमावदार रूप में, वह तुम स्वयं हो। यही कारण...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 590
    श्रीअरविंद आश्रम की अधिष्ठात्री श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    मिथ्यात्व को जीतने की पहली शर्त

    अतिमानस अपने-आपमें केवल ‘सत्य’ ही नहीं, बल्कि मिथ्यात्व का नितान्त निषेध है। अतिमानस ऐसी चेतना में कभी नहीं उतरेगा, प्रतिष्ठित और अभिव्यक्त न होगा जो...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 830
    श्रीअरविंद की श्री माँ बाल्कनी दर्शन देते हुये
    श्री माँ के वचन

    सचेतन संपर्क

    हर उपस्थित व्यक्ति के साथ सचेतन संपर्क स्थापित कर लेने के बाद मैं ‘परम प्रभु’ के साथ एक हो जाती हूँ और तब मेरा शरीर...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्री अरविंद आश्रम की श्री माँ बालकनी दर्शन देते हुये
    श्री माँ के वचन

    मैं और मेरा पंथ

    ​मैं किसी राष्ट्र की, किसी सभ्यता की, किसी समाज की, किसी जाति की नहीं हूं, मैं भगवान् की हूं । मैं किसी स्वामी, किसी शासक,...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 400
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    कम बोलो

    जितना कम हो सके उतना कम बोलो। जितना अधिक हो सके उतना अधिक काम करो । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-१)

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 370
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    दुःख झेलना जाना

    यदि किसी समय तुम्हें कोई गभीर दुःख, दारुण संशय या तीव्र कष्ट अभिभूत और हताश कर रहा हो तो शान्ति और स्थिरता पुनः प्राप्त करने...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 640
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    भागवत प्रेम

    भागवत प्रेम को जल्दी प्रकट करने का सबसे अच्छा उपाय है, सत्य की विजय में सहायता देना। संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 870
    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ मीरा
    श्री माँ के वचन

    सच्चा आनंद

    तुम जो कुछ करो उसमें मज़ा लेने की कोशिश करो । तुम जो कुछ करो उसमें तुम्हें रस हो तो तुम उसे मज़ा लेकर कर...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 520
    श्री माँ दिल्ली आश्रम के श्री सुरेन्द्रनाथ जौहर के साथ
    श्री माँ के वचन

    उच्चतम सत्य को जीना

    सभी सिद्धान्त,  सभी शिक्षाएं अन्तिम विश्लेषण में बोलने या लिखने के तरीकों से बढ़कर और कुछ नहीं होती । यहा तक की ऊंचे-से-ऊंचे अंतर्दर्शन भी उनके साथ...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago

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3 conditions of yoga auroville bases of yoga Mirra Alfassa Priti Das Gupta Sri Aurobindo Ashram sri aurobindo The Mother The Mother of Sri Aurobindo Ashram Pondicherry The Mother on Sports अध्यात्मिकता आंरोंविल आश्वासन कृपा निद्रा और स्वप्न पूर्ण योग प्रीति दास गुप्ता भागवत उपस्थिती भारत के लिये संदेश माताजी की झाकियां माताजी के वचन भाग-१ माताजी के वचन भाग-२ माताजी के वचन भाग - ३ माताजी के विषय में मातृवाणी योग योग समन्वय यौवन वयवहारिक ज्ञान साधकों के लिये विचार और सूत्र के प्रसंग में विश्वास व्यावहारिक ज्ञान साधकों के लिये शिक्षा के ऊपर श्रद्धा श्री अरविंद श्रीअरविंद श्रीअरविंद के वचन श्री अरविद श्री माँ श्री माँ अपने बारे में श्री माँ के बारें में श्री माँ के बारे में श्री माँ के संस्मरण श्री माँ शरीर के बारें में साधना साधना के संकेत श्री माँ द्वारा
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    भारत के पतन का कारण

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    भगवान की सेवा

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    शाश्वत भगवान की प्राप्ति

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    भगवती माँ की कृपा

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    दुश्मन को खदेड़ना

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    आलोचना की आदत

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    कृतज्ञता

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    अनुशासन

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    भागवत मुस्कान का ध्यान

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    मनोबल

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