सच्ची वृत्ति
जब तक तुम अपने-आपको रूपांतरित करने और रूपांतरित न करने की इच्छा के बीच डुलते रहो – प्रगति के लिए प्रयास करने और क्लांति द्वारा...
जब तक तुम अपने-आपको रूपांतरित करने और रूपांतरित न करने की इच्छा के बीच डुलते रहो – प्रगति के लिए प्रयास करने और क्लांति द्वारा...
जो अपने चैत्य पुरुष के बारे में पूरी तरह सचेतन हैं उनके लिये अपने-आपको धोखा देना संभव नहीं है क्योंकि, अगर वे अपनी समस्या चैत्य...
मैं अनुभव से जानती हूँ कि भोजन कम कर देने से नींद सचेतन नहीं हो जाती ; शरीर बेचैन हो उठता है लेकिन यह चीज़...
तुम भली-भांति समझते हो, है न, कि “संरक्षण के अन्दर” होने का क्या मतलब है? “संरक्षण के बाहर चले जाने” का अर्थ भी तुम जानते...
और लोग क्या करते हैं उसके बारे में अपने-आपको कष्ट न दो, मैं इस बात को बार-बार नहीं दोहरा सकती।औरों के बारे में निश्चय न...
यदि सर्वत्र एक जैसी ही चीजें की जाती हैं, हमें उन्हें दोहराने की कोई आवश्यकता नहीं है, हम दूसरों की अपेक्षा अधिक अच्छे रूप में...
विश्व की अंतिम सीमा तक … बल्कि उसके भी परे तक अपना विस्तार करो। प्रगति की समस्त आवश्यकताओं को हमेशा अपने ऊपर ले लो और...
“साधना” करते समय बाह्य चीजों का बहुत महत्व नहीं होना चाहिये। आवश्यक आन्तरिक शांति हर तरह की परिस्थिति में स्थापित हो सकती है । संदर्भ...
चाहे तुम ध्यान लगा कर बैठो या घूमो-फिरो और काम काज करो, जिस बात की तुमसे अपेक्षा की जाती है वह है चेतना। यही एकमात्र...
किसी एक चीज़ को बनाने के लिये किसी और चीज़ को तोड़ देना कोई अच्छी नीति नहीं हैं। जो निवेदित हैं और भगवान के लिये...