प्राण की अच्छी चीज़ें
मधुर माँ, क्या हमारा प्राण केवल कामनाओं, स्वार्थपूर्ण भावनाओं आदि से ही बना है उसमें कुछ अच्छी चीज़ें भी हैं? ऊर्जा, बल, उत्साह, कलात्मक रुचि,...
मधुर माँ, क्या हमारा प्राण केवल कामनाओं, स्वार्थपूर्ण भावनाओं आदि से ही बना है उसमें कुछ अच्छी चीज़ें भी हैं? ऊर्जा, बल, उत्साह, कलात्मक रुचि,...
मैं सदा अधिक सावधान रहने की कोशिश करता हूँ, लेकिन मेरे हाथ से चीज़ें ख़राब हो जाती हैं । हाँ, यह प्रायः होता है; लेकिन...
मधुर माँ, मैं जो प्रतिज्ञाएँ करता हूँ वे अपनी तीव्रता और उत्साह कुछ ही समय बाद खो बैठती हैं। मैं इस उत्साह को कैसे बनाये...
श्रद्धा भरोसे से अधिक, कहीं अधिक पूर्ण है। देखो, तुम्हें भगवान पर भरोसा है, इस अर्थ में कि तुम्हें अधिक विश्वास है कि जो कुछ...
मनुष्यों की जो अधिकतर कठिनाइयाँ होती हैं उनका कारण होता है, उनका अपनी क्रियाओं पर और दूसरों की क्रियाओं पर अपनी प्रतिक्रियाओं के नियंत्रण का...
तुम्हारी श्रद्धा की तीव्रता का यह अर्थ हो सकता है कि भगवान ने यह पहले से ही निधारित कर रखा है कि तुम्हारी श्रद्धा जिसका...
जब शारीरिक अव्यवस्था आये तो तुम्हें डरना नहीं चाहिये, तुम्हें उससे निकल भागना नहीं चाहिये, तुम्हें उसका सामना साहस, शांति, भरोसे और इस निश्चिति के...
जब पहले मानवजाति की रचना हुई तो अहंकार एक करने वाला उपकरण था। सत्ता की विभिन्न अवस्थाएं अहं के चारों ओर वर्गीकृत थीं। लेकिन अब...
सहायता के लिये श्रीअरविंद को पुकारो और सब कुछ ठीक हो जायेगा। संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
योग के लिए अपने आपको तैयार करने के लिए क्या करना चाहिये? सबसे पहले व्यक्ति को सचेतन बनना चाहिये। हम अपनी सत्ता के एक नगण्य...