श्री माँ

मेरे शब्दों की व्याख्या

​ ऐसा लगता है कि तुम यह मानते हो कि मैं एक बात कहती हूं और मेरा मतलब कुछ और होता…

% दिन पहले

​सच्ची आध्यात्मिकता

​सच्ची आध्यात्मिकता जीवन से संन्यास नहीं है, बल्कि 'दिव्य पूर्णता' के साथ जीवन को पूर्ण बनाना हैं ।  सन्दर्भ :…

% दिन पहले

यौगिक कर्म

योग के दृष्टिकोण से, तुम जो करते हो वह नहीं बल्कि तुम कैसे करते हो वह सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है…

% दिन पहले

चुनाव करना

हर एक के जीवन में एक ऐसा क्षण आता है जब उसे दिव्य मार्ग और अव्यवस्था के बीच चुनाव करना…

% दिन पहले

सबसे महत्वपूर्ण चीज़

तुम्हें जो चीज़ जाननी चाहिये वह है, ठीक तरह से यह जानना कि तुम जीवन में क्या करना चाहते हो…

% दिन पहले

प्रभो, वर दे!

उनके दुःख-दर्द से तीव्र रूप से पीड़ित होकर मैं तेरी ओर मुड़ी और उसका उपचार करने के लिए मैंने उस…

% दिन पहले

भगवान तुम्हारे साथ हैं

यह कभी न भूलो कि तुम अकेले नहीं हो । भगवान् तुम्हारे साथ हैं, तुम्हारी सहायता और तुम्हारा मार्गदर्शन कर…

% दिन पहले

चिंता

चिंता करना जहर का प्याला पीने के समान है । संदर्भ : पथ पर 

% दिन पहले

यादें

हमें यादों से इतना स्नेह होता है क्योंकि वे सार्वभौमिक हैं। उनके अन्दर 'अनन्तता' के रस का कुछ अंश होता…

% दिन पहले

कभी-कभी

कभी-कभी मनुष्य को न जानना भी जानना चाहिए। संदर्भ: श्रीमाँ का एजेंडा (भाग-१)

% दिन पहले