माताजी, मैं अपनी चीजें बार-बार क्यों खोता रहता हूं ? क्योंकि तुम चीजों को काफी हद तक अपनी…
तुम जो करते हो उसे बिना रुचि के करने से थकान आती है । तुम जो कुछ करो उसमें रुचि…
थके बिना काम करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि (चाहे जो भी काम हो) उसे भगवान् के अर्पण…
जब तुम अधीर हो उठो और अपने-आपसे कहो : "आह, मुझे यह करने में सफल होना चाहिये। लेकिन मैं यह…
तुम्हें चीजों को उसी तरह बढ़ने देना चाहिये जैसे प्रकृति में पौधे बढ़ते हैं। हम उनके समय से पहले उन…
समस्त धन-सम्पदा भगवान् की है, भगवान् उसे जीवित प्राणियों को उधार देते है और स्वभावत: उसे उन्हें भगवान् के पास…
कुछ ऐसे अति-धर्मशील लोग होते है जो अपने सामने समस्याएँ तो खड़ी कर लेते हैं, पर उन्हें सुलझाना उनके लिये…
श्रीअरविन्द सूक्ष्म-भौतिक में निरन्तर रहते हैं और वहां बहुत सक्रिय हैं। मैं प्रायः रोज उनसे मिलती हूं। कल रात मैंने…
'परम प्रभु' के लिए पाप का अस्तित्व ही नहीं है - सभी त्रुटियां और दोष सच्ची अभीप्सा और रूपान्तर द्वारा…
कोई संस्था प्रगतिशील हुए बिना जीवित नहीं रह सकती। सच्ची प्रगति है हमेशा भगवान् के अधिक निकट आना। हर गुजरता…