मधुर माँ, हम मन की एकाग्रता और इच्छा-शक्ति को कैसे बढ़ा सकते हैं? कुछ भी करने के लिए वे बहुत…
सदा सीखना, बोद्धिक नहीं मनोवैज्ञानिक रूप से, स्वभाव में प्रगति करना, अपने अंदर गुण पैदा करना और दोष ठीक करना…
प्रश्न ) कपट को समाज की तरफ से इतना बढ़ावा क्यों मिलता है ? उ.) क्योंकि समाज पर सफलता की…
आघात और परीक्षाएँ हमेशा भागवत कृपा के रूप में हमें अपनी सत्ता में वे बिन्दु दिखाने आती हैं जहां हमारे…
संतुलन अनिवार्य है, जो पथ सावधानतापूर्वक विपरीत चरमावस्थाओं से बचता है वह अनिवार्य है, अत्यधिक जल्दबाज़ी खतरनाक है, अधैर्य आगे…
जब तुम ध्यान में बैठो तो तुम्हें बालक की तरह निष्कपट और सरल होना चाहिये। तुम्हारा बाह्य मन बाधा न…
जिसकी सचमुच जरूरत होगी, वह चीज़ अवश्य आयेगी । आशीर्वाद ! संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
भगवान पर श्रद्धा रखने और भरोसा करनें में क्या अन्तर है ? जैसा कि श्रीअरविंद ने लिखा है, श्रद्धा भरोसे…
[कप्तान (खेल-कूद के प्रशिक्षण) के चरित्र के बारे में किसी की टिप्पणी के विषय में ] लोग जो कुछ कहते…
मधुर माँ, आपने बहुत बार कहा है कि हमारे क्रिया कलाप भगवान के प्रति उत्सर्ग होने चाहियें। इसका ठीक-ठीक अर्थ…