अगर मैं अपने-आपको इस बाहरी जगत् से एकदम अलग कर सकूँ, अगर मैं बिलकुल अकेला रह सकूँ तो मैं इस…
भगवान के प्रति पूर्ण आत्म-दान के लिए तीन विशेष विधियाँ : (१) सारे गर्व को त्याग कर पूर्ण नम्रता के…
मैं हमेशा यह सलाह देती हूं कि एक बार में थोड़ा-सा पढ़ो, मन को जितना शांत रख सकते हो रखो,…
शाश्वतता के शुभ्र शिखर पर अनावृत अनन्तताओं का एकाकी पुरुष अनन्य, शांति के अग्नि-पट से रखता है अभिरक्षित अपने निरावरण…
आज हमारी शिक्षा कौन - से दोषों और भ्रांतियों का शिकार है ? हम उनसे कैसे बच सकते हैं ?…
हमें वह वीर योद्धा बना जो बनने के लिए हम अभिप्सा करते हैं। वर दे कि हम डटे रहने का…
प्रायः ही श्रीअरविंद कहते हैं कि व्यक्ति को श्रीमाँ की शक्ति को शासन करने देना चाहिये । क्या इसका यह…
बड़ी उम्र में श्रीमां को दिनानुदिन अधिकाधिक फुतीला, उत्साहपूर्ण, युवा देख हमारे हृदय में उनकी वही वाणी गूंजा करती थी…
मधुर माँ, हम प्रायः कोई नयी चीज़ करने से डरते हैं, शरीर नये तरीके से क्रिया करने से इंकार करता…
(आश्रम के बहुत पुराने सदस्य स्व. उदार पिंटों को कौन नहीं जानता ? श्रीमाँ के बहुत निकट थे उदार दा…