समग्र समर्पण

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यदि सत्ता का कोई अंग समर्पण करे और कोई दूसरा अंग जहाँ-का-तहाँ अड़ा रह जाये, अपने ही रास्ते पर चलता…

सबसे पहली आवश्यकता

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अगर मन चंचल हों तो योग की नींव डालना संभव नही। सबसे पहले यह आवश्यक है कि मन अचंचल हो…

उदारता

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. . .  मैं यहाँ भौतिक उदारता की चर्चा नहीं करूँगी जिसका स्वाभाविक स्वरूप है अपने पास जो कुछ हो…

भागवत कृपा

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​'भागवत कृपा' कार्य करने के लिए हमेशा मौजूद है लेकिन तुम्हें उसे कार्य करने देना चाहिये, उसकी क्रिया का प्रतिरोध…

 पथ पर आगे बढ़ने का सबसे शक्तिशाली उपाय

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मनुष्य जो कुछ थोड़ा-बहुत जानता है, उसे जीवन में उतारना ही अधिक जानने का सबसे उत्तम तरीका है, यह पथ…

कौन योग्य और कौन अयोग्य ?

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​'भागवत कृपा' के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य ?   सभी तो उसी एक दिव्य 'मां' के बालक…

एकमात्र सुरक्षा

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​जीवन में एकमात्र सुरक्षा, अपनी पुरानी भूलों की परिणामों से बचने का एकमात्र रास्ता आंतरिक विकास है, जो भागवत उपस्थिति…

उचित मनोभाव

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स्वांग मत करो, बनो । वचन मत दो, करो । सपने मत देखो, चरितार्थ करो । संदर्भ : माताजी के…

रोग के आक्रमणों का अनुभव

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अगर हम केवल बाहरी भौतिक चेतना में ही रहें तो सामान्यतः हम यह नहीं जानते कि हम बीमार होने जा…

पूर्णता की मात्रा

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जब हम पूर्णता की मात्रा को प्राप्त हो जायेंगे, जो कि हमारा लक्ष्य है , तब हम देखेंगे कि जिस…