सभी सिद्धान्त, सभी शिक्षाएं अन्तिम विश्लेषण में बोलने या लिखने के तरीकों से बढ़कर और कुछ नहीं होती । यहा तक…
भागवत कृपा हमेशा रहती है, शाश्वत रूप से उपस्थित और सक्रिय; लेकिन श्रीअरविंद कहते हैं कि हमारे लिए उसे ग्रहण…
भगवान सब जगह, सब चीजों में हैं, उन चीजों में भी जिन्हें हम फेंक देते हैं और उनमें भी जिन्हें…
गहरे और मौन निदीध्यासन या लिखित या अलिखित ध्यान की जगह हमें हर क्षण की क्रियाशीलता में तेरी सेवा करनी…
यही कभी न भूलो कि मैं झगड़ों को पसंद नहीं करती और दोनों ही पक्षों को समान रूप से गलत…
प्र) मैं अपने चारों तरफ बादल ही बादल देख रहा हूँ जो मुझ तक आपके प्रकाश को आने नहीं दे…
भागवत संकल्प को जानने के लिये यह जरुरी है कि मन शान्त हो। शान्त मन में ही - जो भगवान…
मधुर माँ , हमें डर क्यों लगता है, डर कहाँ से आता है ? उ.) भय विरोधी शक्तियों की…
आध्यात्मिक पूर्णता में क्या विनोदप्रियता का कोई स्थान है ? अगर कोई सिद्ध कभी नहीं हँसता तो वह उसकी अपूर्णता…
जब अतिमानसिक दैहिक मन में अभिव्यक्त होगा, केवल तभी उसकी उपस्थिती स्थायी हो सकती है । संदर्भ : माताजी के…