चैत्य के साथ आरोहण

% दिन पहले

कोई भी व्यक्ति अपनी चेतना को मानसिक और प्राणिक स्तर से ऊपर उठा सकता है और ऊपर से शक्ति, आनंद,…

रति

% दिन पहले

आत्म-रति भयानक बाधा है । प्रभु-रति महान उपचार है । संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)

शक्ति की प्रभावकारिता

% दिन पहले

क्या आपके कार्य तथा श्रीमाँ के कार्य में कोई अन्तर है - मेरा मतलब है कि शक्ति की प्रभावकारिता में…

अपनी निश्चिति

% दिन पहले

हर एक को अपनी निश्चिति अपने ही अन्दर खोजनी चाहिये, सब चीजों के बावजूद इसे बनाये, संभाले रखना चाहिये और…

समय की चिंता

% दिन पहले

पहले से यह निर्धारित मत करो कि तुम्हारा आदर्श किस समय और किस तरीके से पूरा होगा। कार्य करो और…

जगद-गुरु

% दिन पहले

. . . किसी एक ही रचना पर जोर देने से वह कठोरता आ जाती है जो भूतकाल में भारतीय…

क्षणिक संपर्क

% दिन पहले

हर बार जब कोई व्यक्ति उस संकीर्ण सीमा को तोड़ता है जिसमें उसके अहं ने उसे बन्द कर रखा है,…

तुम्हारी मान्यताएँ

% दिन पहले

अपनी मान्यता को साथ रखो यदि तुमको  यह लगता हो कि वह तुम्हारें जीवन के निर्माण में सहायक है ;…

कठिनाइयों का कारण

% दिन पहले

मनुष्यों की जो अधिकतर कठिनाइयाँ होती है उनका कारण होता है, उनका अपनी क्रियाओं पर और दूसरों की क्रियाओं पर…

शूरता

% दिन पहले

शूरता है सभी परिस्थितियों में परम सत्य के लिए डटे रह सकना, विरोध में भी उसकी घोषणा करना और जब…