भगवान की मांग

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भगवान मुझसे क्या चाहते हैं ? वे चाहते हैं कि पहले तुम अपने-आपको पा लो, कि तुम अपनी सच्ची सत्ता,…

चिंता न करो

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मैं रो रहा हूँ। न जाने क्यों । मन करें तो रो लो। परंतु चिंता मत करो। वर्षा के बाद…

हर किसी के पास मत जाओ

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जो लोग इस कारण यातना भोगते हैं कि उन्हें किसी तथाकथित संन्यासी से परिचित होने का दुर्भाग्य प्राप्त हुआ था,…

अप्रसन्नता और कपट

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तुम दुःखी, बहुत उदास, निरुत्साहित और अप्रसन्न हो जाते हो : "आज चीज़ें अनुकूल नहीं है। वे कल जैसी नहीं…

भूल और प्रगति

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जब कोई भूल हो तो उसका हमेशा प्रगति करने के लिए उपयोग करना चाहिये, एक बार आवश्यक परिवर्तन हो जाये…

शक्ति को खींचने की कोशिश

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मैं तुम्हें एक चीज की सलाह देना चाहती हूँ। अपनी प्रगति की इच्छा तथा उपलब्धि की अभीप्सा में इसका ध्यान…

भगवान तथा औरों के प्रति कर्तव्य

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जिसने एक बार अपने-आपको भगवान् के अर्पण कर दिया उसके लिए इसके सिवा कोई और कर्तव्य नहीं रहता कि वह…

मानवजाति की भलाई

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जो व्यक्ति पूर्ण योग की साधना करना चाहता है  उसके लिये मानवजाति की भलाई अपने-आप मे लक्ष्य नहीं हो सकती,…

भगवान् क्या है

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 भगवान् क्या है? तुम श्रीअरविन्द के अन्दर जिनकी आराधना करते हो वे हीं भगवान् हैं । संदर्भ : माताजी के…

श्रद्धा और विश्वास

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श्रद्धा-विश्वास अनुभव पर नहीं निर्भर करता; वह तो एक ऐसी चीज है जो अनुभव के पहले से विद्यमान रहती है।…