लगभग ७०-८० वर्ष पूर्व की बात है श्रीमाँ के एक अनन्य भक्त मुरारी बाबू को अपना एक दांत निकलवाना पड़ा।…
श्री पवित्र आश्रम के एक महान योगी और साधक थे। श्रीमाँ को अपने ये अनन्य भक्त और शिशु बहुत प्रिय…
लोगों का विश्वास है कि संदेह करना श्रेष्ठता का एक चिन्ह है, परंतु वास्तव में, वह निकृष्टता का एक चिन्ह…
श्रीमाँ एक तश्तरी में टॉफी लेकर आती थी तथा ऊपर के बरामदे में प्रतीक्षा करते हुए हर साधक को एक-एक…
"कितनी दूर मैं आ गया हूँ, और कितना रास्ता मुझे तय करना है?" - ऐसे प्रश्न बहुत उपयोगी नहीं होते।…
श्रीअरविंद तथा श्रीमाँ के प्रभाव को ग्रहण करने के लिए श्रद्धा के साथ-साथ आवश्यकता है बस आध्यात्मिक पथ का अनुसरण…
कृपा और सुरक्षा सदा तुम्हारें साथ हैं। जब तुम किसी आंतरिक या बाह्य कठिनाई या तकलीफ में हो तो उसे…
सावित्री अग्रवाल ने १९४० के दशक के आरंभ में जब प्रथम बार श्रीअरविंद और श्रीमाँ के दर्शन किये तभी उन्होने…
मेरी नन्ही 'शाश्वत मुस्कान', मुस्कराती जाओ और विशेष रूप से जब कठिनाइयाँ आयें तो और भी अधिक मुस्कुराओ। मुस्कानें सूर्य…
आपने कहा है कि गलत गति का दमन करने से वह बस दब जाती है, यदि उसे पूरी तरह निकालना…