विश्व-नृत्य

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(कृष्ण का नृत्य, काली का नृत्य) विश्व-नृत्य की हैं यहां दो ताल। सदा हम सुनते हैं काली के पदों का…

आर्थिक स्थिति का सुधार

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क्या चेतना के सुधार से आदमी की आर्थिक स्थिति सुस्थिर हो जाती है ? यदि ''चेतना के सुधार'' का मतलब…

धम्मपद की शिक्षा

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मुलतः धम्मपद के सूत्रों से यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति के लिए दिखायी देने की अपेक्षा होना अधिक आवश्यक…

वैश्व प्राण की दिव्य परिणति

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शारीरिक भावना के साथ बंधे हुए मानसिक और प्राणिक अहं की रचना ही वैश्व प्राण का, अपने क्रमिक विकास में,…

अनुशासन

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अधीनस्थ कर्मचारियों को अनुशासित करना उचित मनोभाव से किया जाना चाहिये और अधीनस्थ कर्मचारीगण भी वैसा ही महसूस करें, यह…

दिव्य दृष्टि – (सॉनेट) – श्रीअरविंद की कविता

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तेरे आनन्द से अब हर दृष्टि है अमर : मेरी आत्मा सम्मोहित नयनों से करने आयी है दर्शनः फट गया…

वृद्ध होने के बारे में श्रीमां

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बड़ी उम्र में श्रीमां को दिनानुदिन अधिकाधिक फुतीला, उत्साहपूर्ण, युवा देख हमारे हृदय में उनकी वही वाणी गूंजा करती थी…