किसी उद्देश्य की विजय के लिए हिंसा कभी भी बहुत अच्छा साधन नहीं होती। कोई अन्याय द्वारा न्याय, घृणा द्वारा सामंजस्य प्राप्त करने की आशा कैसे कर सकता है ?
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-३)
क्षण- भर के लिए भी यह विश्वास करने में न हिचकिचाओ कि श्रीअरविन्द नें परिवर्तन…
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…