सफ़ेद ज्योति श्रीमाँ की ज्योति है। जहां कहीं वह उतरती है या प्रवेश करती है वही वह शांति, पवित्रता, निश्चलता-नीरवता ले आती है और उच्चतर शक्तियों के प्रति उद्घाटित करती है । अगर यह नाभि-केंद्र के नीचे आती है तो उसका यह अर्थ होता है कि वह निम्नतर प्राण में कार्य कर रही है ।

संदर्भ : माताजी के विषय में 

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