सफ़ेद ज्योति श्रीमाँ की ज्योति है। जहां कहीं वह उतरती है या प्रवेश करती है वही वह शांति, पवित्रता, निश्चलता-नीरवता ले आती है और उच्चतर शक्तियों के प्रति उद्घाटित करती है । अगर यह नाभि-केंद्र के नीचे आती है तो उसका यह अर्थ होता है कि वह निम्नतर प्राण में कार्य कर रही है ।
संदर्भ : माताजी के विषय में
स्थिरता और तमस में घपला मत करो। स्थिरता है, आत्म-संयत शक्ति, अचंचल और सचेतन ऊर्जा,…
तुम जिस अचंचलता और प्रकाश के अवतरण का अनुभव कर रहे हो वह इस बात…
जीवन की सभी परिस्थितियों की व्यवस्था हमें यह सिखाने के लिए की गयी है कि…