प्र) मैं अपने चारों तरफ बादल ही बादल देख रहा हूँ जो मुझ तक आपके प्रकाश को आने नहीं दे रहें । आपकी उपस्थिती का मैं दुबारा किस तरह अनुभव कर सकता हूँ ।
उ) पहली शर्त है अपने मन को स्थिर और शांत रखना । स्थिरता में ही प्रकाश का अवतरण हो सकता है ।
संदर्भ : मातृवाणी (खंड-१७)
भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो - यह तुम्हें रूपांतर के…
अधिकतर लोग कार्यों को इसलिये करते हैं कि वे उन्हें करने पड़ते है, इसलिये नहीं…
मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या…