उनके नाम जिनका काम शासन या नेतृत्व करना है|
जब तुम लोगों को खुश करना चाहते हो तो तुम चीजें जैसी हैं वैसी चलने देते हो, और प्रतीक्षा करते हो कि प्रकृति अपनी प्रगति मनुष्यों पर आरोपित करे । लेकिन यह सृष्टि का सत्य नहीं है । मनुष्य का सच्चा उद्देश्य है प्रकृति पर अपनी प्रगति आरोपित करना ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग – 3)
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…