सत्य वृत्ति है विश्वास की वृत्ति, आज्ञाकारिता की वृत्ति, निवेदन की वृत्ति ।
संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५५
जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…
‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…