सत्य की सेवा


श्रीमाँ का संदेश

जो ‘सत्य’ की सेवा करने के लिए जीता है उस पर बाह्य परिस्थितियों का कोई असर नहीं होता।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)


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