श्रीमाँ का कार्य

भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है और सभी वस्तुओं का समर्थन करती है-यह निश्चल पक्ष है। एक गत्यात्मक पक्ष भी है जिसके द्वारा भगवान् कार्य करते हैं उनके पीछे श्रीमां हैं। तुम्हें इसे अनदेखा नहीं करना चाहिये कि
श्रीमां के माध्यम से ही सभी वस्तुएं उपलब्ध होती हैं।

संदर्भ : माताजी के विषय में 

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