मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ?
अगर तुम धीरज के साथ इसके लिए अभीप्सा करो तो यह तुम्हें हमेशा प्राप्त हो सकता है। लेकिन, अगर तुम वह प्रकाश चाहते हो तो उसके लिए मूलभूत शर्त यह है कि तुम्हें अन्य सभी मानसिक प्रभावों से पिण्ड छुड़ाना होगा ।
संदर्भ : श्रीअरविंद अपने विषय में
एक आन्तरिक विनम्रता अत्यंत आवश्यक है, किन्तु मुझे नहीं लगता कि बाहरी विनम्रता बहुत उपयुक्त…
चेतना के परिवर्तन द्वारा वस्तुओं की बाहरी प्रतीतियों से निकल कर उनके पीछे की सच्चाई…
नीरवता ! नीरवता ! यह ऊर्जाएँ एकत्र करने का समय है, व्यर्थ और निरर्थक शब्दों…
जब तक कि मनुष्य अपने अन्दर गहराई में नहीं जीता और बाहरी क्रिया-कलापों को बस…