मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ?
अगर तुम धीरज के साथ इसके लिए अभीप्सा करो तो यह तुम्हें हमेशा प्राप्त हो सकता है। लेकिन, अगर तुम वह प्रकाश चाहते हो तो उसके लिए मूलभूत शर्त यह है कि तुम्हें अन्य सभी मानसिक प्रभावों से पिण्ड छुड़ाना होगा ।
संदर्भ : श्रीअरविंद अपने विषय में
भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो - यह तुम्हें रूपांतर के…
अधिकतर लोग कार्यों को इसलिये करते हैं कि वे उन्हें करने पड़ते है, इसलिये नहीं…
मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या…