तुम्हारी श्रद्धा की तीव्रता का यह अर्थ हो सकता है कि भगवान ने यह पहले से ही निधारित कर रखा है कि तुम्हारी श्रद्धा जिसका निर्देश करती है वह अवश्य पूर्ण होगी। अचल श्रद्धा ‘ भागवत संकल्प’ के विद्यमान होने का चिन्ह होती है और जो होने वाला है उसका प्रमाण ।
संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९२९-१९३१
एक आन्तरिक विनम्रता अत्यंत आवश्यक है, किन्तु मुझे नहीं लगता कि बाहरी विनम्रता बहुत उपयुक्त…
चेतना के परिवर्तन द्वारा वस्तुओं की बाहरी प्रतीतियों से निकल कर उनके पीछे की सच्चाई…
नीरवता ! नीरवता ! यह ऊर्जाएँ एकत्र करने का समय है, व्यर्थ और निरर्थक शब्दों…
जब तक कि मनुष्य अपने अन्दर गहराई में नहीं जीता और बाहरी क्रिया-कलापों को बस…