माताजी, २६ वर्ष प्रयास करने के बाद भी में देखता हूँ कि मैं निष्ठावान होने से बहुत दूर हूँ। छोटी-छोटी बातें मुझे असंतुलित कर देती हैं। मुझे शंका है कि आप कभी मुझे बदलने में सफल हो भी सकेंगी।
श्री माँ : मुझे विश्वास है कि मैं एक दिन सफल होऊँगी।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१७)
यदि तुम्हारें ह्रदय और तुम्हारी आत्मा में आध्यात्मिक परिवर्तन के लिए सच्ची अभीप्सा jहै, तब…
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आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिनमें…
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