जो प्रगति करना चाहते हैं उनके लिए अभी बहुत विशेष अवसर है क्योंकि रूपान्तर शुरू होता है नयी शक्तियों की क्रिया की ओर चेतना के खुलने से। इस तरह व्यक्तियों को भागवत प्रभाव के प्रति अपने-आपको खोलने का अनोखा और अद्भुत अवसर प्रपट हैं ।
आशीर्वाद ।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…