आध्यात्मिक पूर्णता में क्या विनोदप्रियता का कोई स्थान है ?
अगर कोई सिद्ध कभी नहीं हँसता तो वह उसकी अपूर्णता है ।
संदर्भ : कारावास की कहानी
जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…
‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…