यदि मस्तिष्क सर्वदा काम करता रहता है तो रात भर में जो कुछ घटित होता है वह हमें क्यों नहीं याद रहता ?
क्योंकि चेतना जब काम कर रही थी तब उसे तुमने नहीं पकड़ा। और फिर शायद इस कारण कि जो कुछ तुम्हारें मस्तिष्क में उस समय हो रहा था उसे यदि तुम याद रखते तो तुम बहुत भयभीत हो जाते! वास्तव में वह सब पागलखाने के जैसा है, ये सब विचार जो संघर्ष करते हैं, मस्तक में राजसी नृत्यु करते रहते हैं ! यह सब ऐसा है मानों तुम एक साथ सभी दिशाओं में गेंद फेंक रहे होओ। अतः, तुम यदि उसे देखते तो उससे थोड़ा घबरा जाते ।
संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५०-१९५१
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…