मेरी निम्न प्रकृति वही मूर्खतापूर्ण चीज़ें करती चली जा रही है । केवल आप ही उसे बदल सकती है। ‘आपकी ‘ क्या शर्तें है ?
१. पूरा-पूरा विश्वास होना चाहिये कि तुम बदल सकते हो ।
२. निम्न प्रकृति के बहानों को अस्वीकार करते हुए बदलने का संकल्प बनाये रखना ।
३.हर एक पतन के बावजूद संकल्प पर डटे रहना ।
४.तुम्हें जो सहायता प्राप्त होती है उस पर अविचल श्रद्धा रखना ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…
‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…