इस दृष्टिकोण से यह कहा जा सकता है कि यदि तुम्हारा किसी मृत व्यक्ति के साथ, जो शरीर छोड़ चुका है, प्रगाढ़ और सच्चे प्यार का सम्बन्ध
था और यदि तुम स्वयं काफी स्थिर और दृढ़ हो तो वह व्यक्ति कम या ज्यादा लम्बे समय के लिए, अपने प्राण के लिए तुम्हारे वायुमण्डल में-
अपने प्रियजन के वायुमण्डल में-आश्रय ले सकता है। इस हालत में इसका अर्थ होगा कि सम्बन्ध बहुत निकट का था, बहुत अन्तरंग था, और यदि
तुम इतने जड़वादी नहीं हो कि कोई सीधा मानसिक बोध ही न हो तो तुम इस व्यक्ति के साथ मानसिक रूप में सम्बन्ध बनाये रख सकते हो; उससे
आदान-प्रदान कर सकते हो। ऐसा बहुत विरल होता है, क्योंकि आम तौर पर यदि तुम्हारा वायुमण्डल काफी स्थिर और दृढ़ है और सचमुच सुरक्षा
प्रदान कर सकता है तो वह व्यक्ति जो शरीर छोड़ चुका है, वहां गहन विश्रान्ति में चला जाता है और उसे परेशान करना बिलकुल अनुचित है;
सबसे अच्छा तो यह होगा कि तुम उस व्यक्ति को अपने प्यार में लपेट लो और शान्ति से रहने दो।
संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५७-१९५८
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