प्रश्न : लोगों में ऐसा विश्वास है कि यदि कोई, जिसने अपने पूरे जीवन में भगवान को याद नहीं किया हो, पर केवल मृत्यु के समय भगवान का नाम ले ले, तब वह अपने अगले जीवन में मुक्ति प्राप्त कर लेगा। क्या इस विश्वास में कुछ सच्चाई है ?
उत्तर : नहीं, यह सब अंधविश्वास है । यदि मुक्ति इतनी आसान होती तब हर आदमी जीवन-भर जो मर्जी करता और केवल अन्त में “भगवान” को स्मरण करने की चालाकी से परम पद प्राप्त कर लेता । यह मूर्खतापूर्ण विचार है ।
संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
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आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…