श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

महाकाली का कार्य

(महाकाली के कार्य के बारें मे माताजी का वक्तव्य)

समस्त विनाश के पीछे, चाहे वे प्रकृति के भूकंप, ज्वालामुखी, तूफान, बाढ़ आदि विकट, असीम विनाश हों या या मानव उग्रता और हिंसा द्वारा लाये गए युद्ध, क्रांति, विद्रोह आदि, उनमें मैं काली की शक्ति देखती हूँ जो पार्थिव वातावरण मे रूपांतर की गति को तेज करने के लिये कार्य कर रही हैं।

वह सब, जो केवल तत्वत: ही नहीं बल्कि चरितार्थता में भी दिव्य है, वह इन विनाशों से ऊपर और उनसे अछूता रहता है। इस तरह विनाश का परिमाण अपूर्णता परिमाण बताता है।

इन विनाशों को बार-बार दोहराये जाने से रोकने के लिये सबसे अच्छा तरीका है उनसे पाठ सीखना और आवश्यक प्रगति करना ।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)

शेयर कीजिये

नए आलेख

अपने चरित्र को बदलने का प्रयास करना

सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…

% दिन पहले

भारत की ज़रूरत

भारत को, विशेष रूप से अभी इस क्षण, जिसकी ज़रूरत है वह है आक्रामक सदगुण,…

% दिन पहले

प्रेम और स्नेह की प्यास

प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…

% दिन पहले

एक ही शक्ति

माताजी और मैं दो रूपों में एक ही 'शक्ति' का प्रतिनिधित्व करते हैं - अतः…

% दिन पहले

पत्थर की शक्ति

पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…

% दिन पहले

विश्वास रखो

माताजी,  मैं आपको स्पष्ट रूप से बता दूँ कि में कब खुश नहीं रहती; जब…

% दिन पहले