कोई महत्वकांक्षा न रखो, और सबसे बढ़ कर यह कि कभी किसी चीज़ का दावा न करो, हर क्षण, तुम अधिक-से-अधिक जो हो सकते हो वह बनो।
संदर्भ : शिक्षा के ऊपर
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…