भारत का भविष्य बहुत स्पष्ट है। भारत संसार का गुरु है। संसार की भावी रचना भारत पर निर्भर है। भारत जीवित-जाग्रत आत्मा है। भारत संसार में आध्यात्मिक ज्ञान को जन्म दे रहा है। भारत सरकार को चाहिये कि इस क्षेत्र में भारत के महत्व को स्वीकार करे और अपने कार्यों की योजना उसी अनुसार बनाये।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-१)
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…