भारत इस भूमि की मिट्टी, नदियां और पहाड़ नहीं है , न ही इस देश के वासियों का सामूहिक नाम भारत है । भारत एक जीवन्त सत्ता है, इतनी ही जीवन्त जितने कि, कह सकते हैं, शिव हैं। … भारत शिव की कोटी की देवी है । अगर वह चाहे तो मानव रूप में भी प्रकट हो सकती है ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-१)
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…