भारत इस भूमि की मिट्टी, नदियां और पहाड़ नहीं है , न ही इस देश के वासियों का सामूहिक नाम भारत है । भारत एक जीवन्त सत्ता है, इतनी ही जीवन्त जितने कि, कह सकते हैं, शिव हैं। … भारत शिव की कोटी की देवी है । अगर वह चाहे तो मानव रूप में भी प्रकट हो सकती है ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-१)
"आध्यात्मिक जीवन की तैयारी करने के लिए किस प्रारम्भिक गुण का विकास करना चाहिये?" इसे…
शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…
मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम…
...पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो…