मधुर मां, “भागवत विरक्ति” क्या है?
ओह, मेरे बच्चे! (मौन) यह ऐसी विरक्ति है जो असीम करुणा से भरपूर है। यह ऐसी चीज़ है जो खराब स्पन्दनों को अपने ऊपर ले लेती है ताकि दूसरे उससे मुक्त हो जायें। परिणाम… (मौन) ग़लत और निम्न गतिविधि -के परिणाम को-क्रूर न्याय के साथ भूल करने वाले पर फेंकने की जगह, यह उसे आत्मसात् कर लेती है ताकि उसे अपने अन्दर परिवर्तित कर सके, और की गयी भूल के भौतिक परिणामों को यथासम्भव कम कर दे। मेरा ख़याल है कि भगवान् शिव की वह पुरानी कहानी इस भागवत विरक्ति को अभिव्यक्त करने का कल्पनात्मक तरीका है, जिसमें उनके गले पर एक काला दाग पड़ गया था क्योंकि उन्होंने जगत् में जो कुछ अशुभ था उसे निगल लिया था। इससे उनके गले पर काला दाग पड़ गया।
संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५४
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…