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भय को स्वीकृति

भय गुप्त स्वीकृति है । जब तुम किसी चीज़ से डरते हो तो इसका या अर्थ है कि तुम उसकी सम्भावना को स्वीकार करते हो और इस तरह उसकी पकड़ को मजबूत बना देते हो । कहा जा सकता है कि यह अवचेतन स्वीकृति है ।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)

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