एक आन्तरिक विनम्रता अत्यंत आवश्यक है, किन्तु मुझे नहीं लगता कि बाहरी विनम्रता बहुत उपयुक्त है (निस्संदेह दूसरों के साथ बाहरी व्यवहार में घमण्ड या उद्दंडता या मिथ्याभिमान का अभाव अपरिहार्य है ) – यह प्राय: घमण्ड पैदा करती हैं, कुछ समय के बाद औपचारिक अथवा प्रभावहीन बन जाती है।
संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र (भाग-२)
"आध्यात्मिक जीवन की तैयारी करने के लिए किस प्रारम्भिक गुण का विकास करना चाहिये?" इसे…
शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…
मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम…
...पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो…