सज़ा ? सज़ा से तुम्हारा क्या मतलब है? यदि एक लड़का कक्षा में शोर मचाता है और दूसरों को काम करने से रोकता है तो उससे ठीक तरह व्यवहार करने के लिए कहना चाहिये; और यदि वह फिर भी करता रहे तो उसे कक्षा से निकाल देना चाहिये। यह, यह तो कोई सज़ा नहीं, यह तो उसके किये का सहज परिणाम है । लेकिन सज़ा देना ! सज़ा देना ! तुम्हें सज़ा देने का कोई अधिकार नहीं ।
तुम बच्चों पर मनोवैज्ञानिक शासन तभी ला सकते हो जब तुम्हें स्वयं अपनी प्रकृति पर काबू हो ।
संदर्भ : शिक्षा के विषय में
यदि तुम्हारें ह्रदय और तुम्हारी आत्मा में आध्यात्मिक परिवर्तन के लिए सच्ची अभीप्सा jहै, तब…
जब शारीरिक अव्यवस्था आये तो तुम्हें डरना नहीं चाहिये, तुम्हें उससे निकल भागना नहीं चाहिये,…
आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिनमें…
.... मनुष्य का कर्म एक ऐसी चीज़ है जो कठिनाइयों और परेशानियों से भरी हुई…
अगर श्रद्धा हो , आत्म-समर्पण के लिए दृढ़ और निरन्तर संकल्प हो तो पर्याप्त है।…