श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

पीड़ा का निराकरण

शायद तुम्हें बताया गया होगा कि शरीर की कुछ विशेष व्याधियों से तुम्हें बहुत दर्द होगा । इस तरह की चीजें प्रायः कही जाती हैं । तब तम भय की एक रचना बना लेते हो और दर्द की आशा करने लगते हो । और दर्द तब भी आ जाता है जब उसके आने की कोई आवश्यकता नहीं होती ।

लेकिन अगर अन्ततः दर्द है ही , तो मैं तुमसे एक बात कह सकती हूं । यदि चेतना ऊपर की ओर मुड़ी हो तो दर्द गायब हो जाता है । यदि वह नीचे की ओर मुड़ी हो तो दर्द का अनुभव होता है , यहां तक कि वह बढ़ भी जाता है । यदि तुम ऊपरले और निचले मोड़ के साथ परीक्षण करते हो , तो तुम देखते हो कि शारीरिक रोगों का वैसे भी दर्द के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है । शरीर बहुत अधिक कष्ट पा सकता है या उसे बिलकुल कष्ट नहीं होता , यद्यपि उसकी अवस्था वही – की – वही रहती है । चेतना का घुमाव ही सारा भेद करता है ।

मैं ‘ऊपर मुड़े’ होने की बात कह रही हूं , क्योंकि भगवान् की ओर मुड़ना सबसे अच्छा तरीका है , लेकिन सामान्य तौर पर यह कहा जा सकता है कि अगर चेतना दर्द से हट कर किसी काम या किसी ऐसी चीज की ओर मुड़ जाये जिसमें तुम्हारी रुचि है , तो दर्द बन्द हो जाता है ।

और केवल दर्द ही नहीं बल्कि अंगों की किसी भी क्षति को उस समय अधिक आसानी से ठीक किया जा सकता है जब चेतना को कष्ट से दूर हटा लिया जाये और तम भगवान की ओर खुले रहो । भगवान् का एक रूप ‘ सत् ‘ है – ब्रह्मांड के ऊपर , परे या पीछे शुद्ध परम ‘ सत् ‘ है । अगर तुम उसके साथ सम्पर्क बनाये रख सको तो सभी शारीरिक व्याधियों को दूर किया जा सकता है ।

 

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-३)

शेयर कीजिये

नए आलेख

देवत्‍व का लक्षण

श्रीअरविंद हमसे कहते हैं कि सभी परिस्थितियों में प्रेम को विकीरत करते रहना ही देवत्व…

% दिन पहले

भगवान की इच्छा

तुम्हें बस शान्त-स्थिर और अपने पथ का अनुसरण करने में दृढ़ बनें रहना है और…

% दिन पहले

गुप्त अभिप्राय

... सामान्य व्यक्ति में ऐसी बहुत-से चीज़ें रहती हैं, जिनके बारे में वह सचेतन नहीं…

% दिन पहले

मुझसे क्या चाहते हैं ?

भगवान मुझसे क्या चाहते हैं ? वे चाहते हैं कि पहले तुम अपने-आपको पा लो,…

% दिन पहले

सूर्यालोकित पथ

सूर्यालोकित पथ का ऐसे लोग ही अनुसरण कर सकते हैं जिनमें समर्पण की साधना करने…

% दिन पहले

तुम्हारा भविष्य

एक चीज़ के बारे में तुम निश्चित हो सकते हो - तुम्हारा भविष्य तुम्हारें ही…

% दिन पहले